ABOUT SIDH KUNJIKA

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।

श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।

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येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

धां click here धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.

इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण,  मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.

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